Hindi Poem of Amitabh Bachchan “ Vidambanao ke bare me“ , “विडम्बनाओं के बारे में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विडम्बनाओं के बारे में

 Vidambanao ke bare me

 

विडम्बनाओं के बारे में

मेरी बुनियादी समझ साफ़ थी

क़लम को सब पहले से पता होता

थोड़ा ख़ुद को कोसता

थोड़ा अपने जैसों को

कुछ उलाहना समाज सरकार को देता

कुछ ग़रीबों को गरियाता

थोड़ा पुलिस माफ़िया पर गरज़ता

फिर आदमी के जीने के हौसले को याद करता

फिर लोकतन्त्र में सुधार के लिए शोर मचाता

फिर दफ़्तर से बाहर निकल पान चबाता

और सहकर्मियों से कहता

इससे अधिक हम क्या कर सकते हैं

कवि को ये ढर्रा रास न आता

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