Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Ajnabi abke asana sa tha “ , “अज़नबी अबके आश्ना सा था” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अज़नबी अबके आश्ना सा था
Ajnabi abke asana sa tha

 

मैं बहरहाल बुत बना सा था
वो भी मग़रूर और तना सा था

कुछ शरायत दरख़्त ने रख दीं
वरना साया बहुत घना सा था

साक़िये-कमनिगाह से अर्ज़ी
जैसे पत्थर को पूजना सा था

ख़ूब दमसाज़ थी ख़ुशबू लेकिन
साँस लेना वहाँ मना सा था

दर्द से यूँ तो नया नहीं था ‘अमित’
अज़नबी अबके आश्ना सा था

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