Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Lihafo ki silai kholta hai“ , “लिहाफ़ों की सिलाई खोलता है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लिहाफ़ों की सिलाई खोलता है
Lihafo ki silai kholta hai

 

लिहाफ़ों की सिलाई खोलता है
कोई दीवाना है सच बोलता है।

बेचता है सड़क पर बाँसुरी जो
हवा में कुछ तराने घोलता है।

वो ख़ुद निकला नहीं तपती सड़क पर
पेट पाँवों पे चढ़ कर डोलता है।

पेश आना अदब से पास उसके
वो बन्दों को नज़र से तोलता है।

याद रह जाय गर कोई सुखन तो
उसमे सचमुच कोई अनमोलता है।

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