Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Me khada bich majhdar kinare kya kar lenge“ , “मैं खड़ा बीच मझधार किनारे क्या कर लेंगे ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैं खड़ा बीच मझधार किनारे क्या कर लेंगे
Me khada bich majhdar kinare kya kar lenge

 

मैं खड़ा बीच मझधार किनारे क्या कर लेंगे
मैने छोड़ी पतवार सहारे क्या कर लेंगे

तुम क़िस्मत-क़िस्मत करो जियो याचक बन कर
मैं चला क्षितिज के पार सितारे क्या कर लेंगे

तुम दिखलाते हो राह मुझे मंजिल की,
मैं आँखों से लाचार इशारे क्या कर लेंगे

हम ने जो कुछ भी कहा वही कर बैठे
जो सोचें सौ-सौ बार बेचारे क्या कर लेंगे

ना समझ कहोगे तुम मुझको मालूम है
ये फ़तवे हैं बेकार तुम्हारे क्या कर लेंगे

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