Hindi Poem of Amitabh Tripathi Amit “Satya ki shok sabha “ , “सत्य की शोक-सभा ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सत्य की शोक-सभा
Satya ki shok sabha

 

अच्छा हुआ तुम नहीं आये
शोक सभा थी
तुम्हारी ही मृत्यु की
याद किया सभी ने तुम्हें
गुण गाये गये तुम्हारे
रहा दो मिनट?

का मौन भी
चर्चा थी, अंदेसा था सभी को
तुम्हारी मृत्यु का
पुष्टि नहीं की किसी ने
अफ़वाह की
जैसे सभी को प्रतीक्षा थी

इसी बात की
मै भी चुप रहा सब जान कर
फिर सोचा
सच होकर भी शर्मिन्दा हो
क्या सचमुच तुम जिन्दा हो
हर झूठ से डरते हो

मुझे तो लगता है
तुम रोज़ मरते हो
सभा समाप्त हुई
हम घर आये

अब क्यों खड़े हो मुहँ लटकाये
अरे भाई अच्छा हुआ
तुम नहीं आये।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.