मरने की फुर्सत
Marne ki fursat
(एक रेड इण्डियन लोकगीत के आधार पर पल्लवित)
ईसा मसीह
औरत नहीं थे
वरना मासिक धर्म
ग्यारह बरस की उमर से
उनको ठिठकाए ही रखता
देवालय के बाहर!
वेथलेहम और यरूजलम के बीच
कठिन सफर में उनके
हो जाते कई तो बलात्कार
और उनके दुधमुँहे बच्चे
चालीस दिन और चालीस रातें
जब काटते सडक पर,
भूख से बिलबिलाकर मरते
एक-एक कर
ईसा को फुर्सत नहीं मिलती
सूली पर चढ जाने की भी।
मरने की फुर्सत भी
कहाँ मिली सीता को
लव-कुश के
तीरों के
लक्ष्य भेद तक?