Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Bacha Sikha raha“ , “बच्चा सीख रहा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बच्चा सीख रहा

Bacha Sikha raha 

 

टी.वी. से

अच्छे होते हैं ये दाग़

टॉफी, बिस्कुट, पर्क, बबलगम

खिला-खिला कर मारी भूख

माँ भी समझ नहीं पाती है

कहाँ हो रही भारी चूक

माँ का नेह

मनाए हठ को

लिए कौर में रोटी-साग

अच्छे होते हैं ये दाग़

बच्चा पहुँच गया कॉलेज में

नेता बना जमाई धाक

ट्यूशन, बाइक, मोबाइल के

नाम पढाई पूरी ख़ाक

झूठ बोलकर

ऐंठ डैड से

खुलता बोतल का है काग

अच्छे होते हैं ये दाग़

हुआ फेल जब, पैसा देकर

डिग्री पाई बी.टेक. पास

दौड़ लगाई रजधानी तक

इंटरव्यू ने किया निराश

बीच रेस में

बैठा घोड़ा

मुंह से निकल रहा है झाग

अच्छे होते हैं ये दाग़

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