Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Chidiya aur chirote “ , “चिड़िया और चिरौटे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चिड़िया और चिरौटे

 Chidiya aur chirote

 

क्या बदला है

गौरैया रूठ गई

भाँप रहे

बदले मौसम को

चिड़िया और चिरौटे

झाँक रहे

रोशनदानों से

कभी गेट पर बैठे

सोच रहे

अपने सपनों की

पैंजनिया टूट गई

शायद पेट से

भारी चिड़िया

नीड़ बुने, पर कैसे

ओट नहीं

कोई छोड़ी है

घर पत्थर के ऐसे

चुआ डाल से होगा

अंडा

किस्मत ही फूट गई

 

 

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