Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Ek Tinka hum “ , “एक तिनका हम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक तिनका हम

 Ek Tinka hum

 

हमारा क्या वज़न

हम पराश्रित

वायु के

चंद पल हैं आयु के

एक पल अपना ज़मीं है

दूसरा पल है गगन

ईंट हम

इस नीड़ के

ईंट हम उस नीड़ के

पंछियों से हर दफ़ा

होता गया अपना चयन

ग़ौर से

देखो हमें

रँग वही हम पर जमे

वो हमी थे, जब हरे थे

बीज का हम कवच बन

हम हुए

जो बेदख़ल

घाव से छप्पर विकल

आज भी बरसात में

टपकें हमारे ये नयन

साध थी

उठ राह से

हम जुड़ें परिवार से

आज रोटी सेंक श्रम की

ज़िंदगी कर दी हवन

 

 

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