Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Men ka tota “ , “मन का तोता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मन का तोता

 Men ka tota

 

करता रहता

नित्य नए संवाद

महल-मलीदा, पदवी चाहे

लाखों-लाख पगार

काम न धेले भर का करता

सपने आँख हज़ार

इच्छाओं की सूची

मेरे

सिर पर देता लाद

अपने आम बाग़ के मीठे

कुतर-कुतर कर फेंके

किन्तु पड़ोसी का खट्टा भी

चँहके उसको लेके

समझाने पर

करता रहता

अड़ा-खड़ा प्रतिवाद

विज्ञापन की भाषा बोले

‘यह दिल माँगे मोर’

देख-देख बौराए तोता

देता खींस निपोर

बात न माने

करने लगता

घर में रोज़ फ़साद

 

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