Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Mere Liye “ , “मेरे लिये” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे लिये

Mere Liye 

 

कहो कुछ अब तो कहो

मेरे लिये!

भट्‌ठी-सी जलती हैं

अब स्मृतियाँ सारी

याद बहुत आती हैं

बतियाँ तुम्हारी

रहो जी रहो तुम

रहो साँसो में रहो

मेरे लिये!

बेचेनी हो मन में

हो जाने देना

हूक उठे कोई तो

तडपाने देना

सहो जी सहो तुम

सहो धरती-सा सहो

मेरे लिये!

चारों ओर समंदर

यह पंछी भटके

उठती लहरों का डर

तन-मन में खटके

मिलो जी मिलो तुम

मिलो कश्ती-सा मिलो

मेरे लिये!

 

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