Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Tum na aaye “ , “तुम न आए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम न आए

 Tum na aaye

 

तुम न आए

सुरभित सुमन, गूँज भँवरे की

मन में कितने फूल बिछाए

आम्र लताएँ, पिक की कुँजन

मन में मेरे मोर नचाए

रूप-कूक का मौसम जाए

तुम न आए

नीला व्योम, बोल चातक के

मन में मेरे आग लगाए

स्वाति-नक्षत्र सत्र प्राणों का

मन में मेरे राग जगाए

कबसे बैठे पलक बिछाए

तुम न आए

गूंगे दिन, कालिख रातों का

मन में मेरे रंज बढ़ाए

रिश्ता भूल गए बाती का

मन ने मेरे प्रश्न उठाए

नेह-छोह में पलक भिगाए

तुम न आए

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.