दुनिया को नई राह दिखने के वास्ते
Duniya ko nai rah dikhane ke vaste
दुनिया को नई राह दिखने के वास्ते
शूली पे छाडे कोन ज़माने के वास्ते
शहरों कि भीड़ में न कहीं खो गए हों वे
जो गाँव से गए थे कमाने के वास्ते
दिखा न कोई जाल परिंदे को भूख में
उसने लुटा ही दी जान दाने के वास्ते
ऐ लोकतंत्र! तेरे चमत्कार को नमन
जनता ही मिले तुझको निशाने के वास्ते
दामन जिन्होंने फूँक लिए कोन लोग थे
जीवन में रौशनी से निभाने के वास्ते