Hindi Poem of Ashok Chakradhar “Fir to , “फिर तो ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

फिर तो – अशोक चक्रधर

Fir to -Ashok Chakradhar

 

आख़िर कब तक इश्क
इकतरफ़ा करते रहोगे,
उसने तुम्हारे दिल को
चोट पहुँचाई
तो क्या करोगे?

-ऐसा हुआ तो
लात मारूँगा
उसके दिल को।

-फिर तो पैर में भी
चोट आएगी तुमको।

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