Hindi Poem of Ashok Chakradhar “Kidhar Gai batein, “किधर गई बातें – (सो तो है)” Complete Poem for Class 10 and Class 12

किधर गई बातें – (सो तो है) – अशोक चक्रधर

Kidhar Gai batein -Ashok Chakradhar

 

चलती रहीं
चलती रहीं
चलती रहीं बातें
यहाँ की, वहाँ की
इधर की, उधर की
इसकी, उसकी
जने किस-किस की,
कि
एकएक
सिर्फ़ उसकी आँखों को देखा मैंने
उसने देखा मेरा देखना ।
और… तो फिर…

किधर गईं बातें,
कहाँ गईं बातें ?

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