Hindi Poem of Ashok Vajpayee “ Jute ”,”जूते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जूते

Jute

 

जूते वहीं थे

उनमें पैर नहीं थे

बीच-बीच में उनमें फफूंद लग जाता था

क्योंकि कोई पहनता नहीं था

निरुपयोग से वे कुछ सख़्त भी पड़ गए थे,

उनके तलों में धूल या कीचड़ नहीं लगा था

उन्हें कोई हटाता नहीं था

क्योंकि वे दिवंगत पिता के थे

फिर एक दिन वो बिला गए,

शायद अँधेरे में मौक़ा पाकर

वे ख़ुद ही अंत की ओर चले गए

 

 

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