Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Sadyasnata ”,”सद्यःस्नाता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सद्यःस्नाता

 Sadyasnata

 

पानी

छूता है उसे

उसकी त्वचा के उजास को

उसके अंगों की प्रभा को –

पानी

ढलकता है उसकी

उपत्यकाओं शिखरों में से –

पानी

उसे घेरता है

चूमता है

पानी सकुचाता

लजाता

गरमाता है

पानी बावरा हो जाता है

पानी के मन में

उसके तन के

अनेक संस्मरण हैं।

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