Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Vida ”,”विदा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विदा

 Vida

 

तुम चले जाओगे

पर थोड़ा-सा यहाँ भी रह जाओगे

जैसे रह जाती है

पहली बारिश के बाद

हवा में धरती की सोंधी-सी गंध

भोर के उजास में

थोड़ा-सा चंद्रमा

खंडहर हो रहे मंदिर में

अनसुनी प्राचीन नूपुरों की झंकार|

तुम चले जाओगे

पर थोड़ी-सी हँसी

आँखों की थोड़ी-सी चमक

हाथ की बनी थोड़ी-सी कॉफी

यहीं रह जाएँगे

प्रेम के इस सुनसान में|

तुम चले जाओगे

पर मेरे पास

रह जाएगी

प्रार्थना की तरह पवित्र

और अदम्य

तुम्हारी उपस्थिति,

छंद की तरह गूँजता

तुम्हारे पास होने का अहसास|

तुम चले जाओगे

और थोड़ा-सा यहीं रह जाओगे|

 

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