Hindi Poem of Balswaroop Rahi “  Is tarha to ”,”इस तरह तो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इस तरह तो

 Is tarha to

 

इस तरह तो दर्द घट सकता नहीं

इस तरह तो वक़्त कट सकता नहीं

आस्तीनों से न आँसू पोछिए

और ही तदबीर कोई सोचिए।

यह अकेलापन, अँधेरा, यह उदासी, यह घुटन

द्वार तो हैं बंद भीतर किस तरह झाँके किरण।

बंद दरवाज़े ज़रा-से खोलिए

रौशनी के साथ हँसिये-बोलिए

मौन पीले पत्ते सा झर जाएगा

तो ह्रदय का घाव ख़ुद भर जाएगा।

एक सीढ़ी है ह्रदय में भी महज घर में नहीं

सर्जना के दूत आते हैं सभी होकर वहीं।

ये अहम की श्रृंखलाएं तोड़िए

और कुछ नाता गली से जोड़िए

जब सडक का शोर भीतर आएगा

तब अकेलापन स्वयं मर जाएगा।

आईए, कुछ रोज़ कोलाहल भरा जीवन जिएँ

अंजुरी भर दूसरों के दर्द का अमृत पिएँ।

आईए, बातून अफ़वाहें सुनें

फ़िर अनागत के नए सपने बुनें

यह सिलेटी कोहरा छँट जाएगा

तो ह्रदय का दुःख दर्द ख़ुद घट जाएगा।

 

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