Hindi Poem of Bashir Badra “Bhul shayad bahut badi kar li”,” भूल शायद बहुत बड़ी कर ली” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली

 Bhul shayad bahut badi kar li

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली

दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली

तुम मुहब्बत को खेल कहते हो

हम ने बर्बाद ज़िन्दगी कर ली

उस ने देखा बड़ी इनायत से

आँखों आँखों में बात भी कर ली

आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है

बेवफ़ाई कभी कभी कर ली

हम नहीं जानते चिराग़ों ने

क्यों अंधेरों से दोस्ती कर ली

धड़कनें दफ़्न हो गई होंगी

दिल में दीवार क्यों खड़ी कर ली

 

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