Hindi Poem of Bashir Badra “Dua karo ki ye paudha sada hara hi lage”,”दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे

 Dua karo ki ye paudha sada hara hi lage

दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे

उदासियों से भी चेहरा खिला-खिला ही लगे

ये चाँद तारों का आँचल उसी का हिस्सा है

कोई जो दूसरा ओढे़ तो दूसरा ही लगे

नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी न सही

ये खिड़की खोलो ज़रा सुबह की हवा ही लगे

अजीब शख़्स है नाराज़ होके हंसता है

मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे

 

 

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