दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे
Dua karo ki ye paudha sada hara hi lage
दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे
उदासियों से भी चेहरा खिला-खिला ही लगे
ये चाँद तारों का आँचल उसी का हिस्सा है
कोई जो दूसरा ओढे़ तो दूसरा ही लगे
नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी न सही
ये खिड़की खोलो ज़रा सुबह की हवा ही लगे
अजीब शख़्स है नाराज़ होके हंसता है
मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे