Hindi Poem of Bashir Badra “Khushbu ki tarha aaya vo rez havao me”,”ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में

 Khushbu ki tarha aaya vo rez havao me

ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में

माँगा था जिसे हम ने दिन रात दुआओं में

तुम छत पे नहीं आये वो घर से नहीं निकला

ये चाँद बहुत लटका सावन की घटाओं में

इस शहर में इक लड़की बिल्कुल है ग़ज़ल जैसी

फूलों की बदन वाली ख़ुशबू-सी अदाओं में

दुनिया की तरह वो भी हँसते हैं मुहब्बत पर

डूबे हुए रहते थे जो लोग वफ़ाओं में

 

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