Hindi Poem of Bashir Badra “Kuch to me bhi bahut dil ka kamjor hu”,”कुछ तो मैं भी बहुत दिल का कमज़ोर हूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12
Hindi Poem of Bashir Badra “Kuch to me bhi bahut dil ka kamjor hu”,”कुछ तो मैं भी बहुत दिल का कमज़ोर हूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12
कुछ तो मैं भी बहुत दिल का कमज़ोर हूँ
Kuch to me bhi bahut dil ka kamjor hu
कुछ तो मैं भी बहुत दिल का कमज़ोर हूँ
कुछ मुहब्बत भी है फ़ितरतन बदगुमाँ
तज़करा कोई हो ज़िक्र तेरा रहा
अव्वल-ए-आख़िरश दरमियाँ दरमियाँ
जाने किस देश से दिल में आ जाते हैं
चांदनी रात में दर्द के कारवाँ
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