Hindi Poem of Bashir Badra “Maan mausam ka kaha chai ghata jam utha”,”मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा

 Maan mausam ka kaha chai ghata jam utha

मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा

आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा

पी मेरे यार तुझे अपनी क़सम देता हूँ

भूल जा शिकवा-गिला, हाथ मिला, जाम उठा

हाथ में जाम जहाँ आया मुक़द्दर चमका

सब बदल जायेगा क़िस्मत का लिखा, जाम उठा

एक पल भी कभी हो जाता है सदियों जैसा

देर क्या करना यहाँ, हाथ बढा़, जाम उठा

प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ

मैकदे में कोई छोटा न बड़ा, जाम उठा

 

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