Hindi Poem of Bashir Badra “Sar pe saya sa dast e dua yaad he”,”सर पे साया सा दस्त-ए-दुआ याद है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सर पे साया सा दस्त-ए-दुआ याद है

 Sar pe saya sa dast e dua yaad he

सर पे साया सा दस्त-ए-दुआ याद है

अपने आँगन में इक पेड़ था याद है

जिस में अपनी परिंदों से तश्बीह थी

तुम को स्कूल की वो दुआ याद है

ऐसा लगता है हर इम्तहाँ के लिये

ज़िन्दगी को हमारा पता याद है

मैकदे में अज़ाँ सुन के रोया बहुत

इस शराबी को दिल से ख़ुदा याद है

मैं पुरानी हवेली का पर्दा मुझे

कुछ कहा याद है कुछ सुना याद है

 

 

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