Hindi Poem of Bashir Badra “Sau Khulus bato me sab karam khayalo me”,”सौ ख़ुलूस बातों में सब करम ख़यालों में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सौ ख़ुलूस बातों में सब करम ख़यालों में

 Sau Khulus bato me sab karam khayalo me

सौ ख़ुलूस बातों में सब करम ख़यालों में

बस ज़रा वफ़ा कम है तेरे शहर वालों में

पहली बार नज़रों ने चाँद बोलते देखा

हम जवाब क्या देते खो गये सवालों में

रात तेरी यादों ने दिल को इस तरह छेड़ा

जैसे कोई चुटकी ले नर्म नर्म गालों में

मेरी आँख के तारे अब न देख पाओगे

रात के मुसाफ़िर थे खो गये उजालों में

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