Hindi Poem of Bekal Utsahi “Jab dil ne tadapna chod diya”,”जब दिल ने तड़पना छोड़ दिया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जब दिल ने तड़पना छोड़ दिया

 Jab dil ne tadapna chod diya

जब दिल ने तड़पना छोड़ दिया

जलवों ने मचलना छोड़ दिया

पोशाक बहारों ने बदली

फूलों ने महकना छोड़ दिया

पिंजरे की सम्त चले पंछी

शाख़ों ने लचकना छोड़ दिया

कुछ अबके हुई बरसात ऐसी

खेतों ने लहकना छोड़ दिया

जब से वो समन्दर पार गया

गोरी ने सँवरना छोड़ दिया

बाहर की कमाई ने बेकल

अब गाँव में बसना छोड़ दिया

 

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