Hindi Poem of Bekal Utsahi “ Phir mujhi raskhan bna de”,”फिर मुझको रसखान बना दे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फिर मुझको रसखान बना दे

 Phir mujhi raskhan bna de

माँ  मेरे  गूंगे शब्दों को

गीतों का अरमान बना दे .

गीत मेरा बन जाये कन्हाई,

फिर मुझको रसखान बना दे .

देख सकें दुख-दर्द की टोली,

सुन भी सकें फरियाद की बोली,

माँ सारे नकली चेहरों पर

आँख बना दे,कान बना दे.

मेरी धरती के खुदगर्जों ने

टुकड़े-टुकड़े बाँट लिये हैं,

इन टुकड़ों को जोड़ के मैया

सुथरा हिन्दुस्तान बना दे .

गीत मेरा बन जाये कन्हाई,

फिर मुझको रसखान बना दे .

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