Hindi Poem of Bekal Utsahi “Vo to muddat se janata he mujhe”,”वो तो मुद्दत से जानता है मुझे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वो तो मुद्दत से जानता है मुझे

 Vo to muddat se janata he mujhe

वो तो मुद्दत से जानता है मुझे

फिर भी हर इक से पूछता है मुझे

रात तनहाइयों के आंगन में

चांद तारों से झाँकता है मुझे

सुब्‌ह अख़बार की हथेली पर

सुर्ख़ियों मे बिखेरता है मुझे

होने देता नही उदास कभी

क्या कहूँ कितना चाहता है मुझे

मैं हूँ बेकल मगर सुकून से हूँ

उसका ग़म भी सँवारता है मुझे

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