Hindi Poem of Bharat Bhushan Aggarwal “Milan“ , “मिलन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मिलन
Milan

छलक कर आई न पलकों पर विगत पहचान
मुस्करा पाया न होठों पर प्रणय का गान;
ज्यों जुड़ी आँखें, मुड़ी तुम, चल पड़ा मैं मूक
इस मिलन से और भी पीड़ित हुए ये प्राण।

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