Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Chandani se tarbatar“ , “चाँदनी से तरबतर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चाँदनी से तरबतर

 Chandani se tarbatar

 

वन के वृक्ष

वृक्षों पर सटी बैठी हुई

झंकारवन्ती  झिल्लियाँ

सब याद है

फिर न उतना सुख

न इतना दुख मिले

फ़रियाद है

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