Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Dard ki Dava“ , “दर्द की दवा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दर्द की दवा

 Dard ki Dava

 

हवा हो जाये जब

तब जो दर्द लौट आया है

उसे नया मान  लो

और उपाय भी उसका

नया खोजो कोई

विचारणीय मानो

मेरे इस सुझाव को

सहलाओ

नए ढंग से बार बार

पुराने घाव को

लाभ समझ में आयेंगे

कम-से-कम

पुराने घाव

पुराने नहीं हो पायेंगे!

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.