एक आगमन
Ek Aagman
किरणों ने झाँका है होगा प्रभात
नये भाव पंछी चहकते है आज
नए फूल मन मे महकते हैं आज
नये बागबां हम नये ढंग से
जगत को रंगेंगे नए रंग से
खिलाएंगे कड़ी के फल-फूल पात
करोड़ों कदम गम को कुचलेंगे जब
ख़ुशी की तरंगों में मचलेंगे जब
तो सूरज हँसेगा हँसेगी सबा
बदल जायेंगे आग पानी हवा
बढ़ाओ कदम लो चलाओ हाथ
आता है सूरज तो जाती है रात
किरणों ने झाँका है होगा प्रभात