Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Hum sab gye“ , “हम सब गाएँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हम सब गाएँ

 Hum sab gye

अकेले में या मेले में

हम सब गुनगुनाते रहें

क्योंकि गुनगुनाते रहे हैं भौंरे

गुनगुना रही हैं मधुमक्खियाँ

नीम के फूलों को

चूसने की धुन में

और नीम के फूल भी महक रहे हैं

छोटे बड़े सारे पंछी चहक रहे हैं|

क्या हम कम हैं इनसे

अपने मन की धुन में

या रूप में या गुन में

सन गाएँ सब गुनगुनाएँ

झूमे नाचे आसमान सिर पर उठाएँ!

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