इतने बहुत–से वसंत का
Itne bahut se vasant ka
क्या होगा
मेरे पास एक फूल है
इन रोज़–रोज़ के
तमाम सुखों का क्या होगा
मेरे पास एक भूल है
सदा की अछूती और टटकी
और मनहरण
पैताने बैठा है जिसके
जीवन
सिरहाने बैठा है जिसके
मरण!
इतने बहुत–से वसंत का
Itne bahut se vasant ka
क्या होगा
मेरे पास एक फूल है
इन रोज़–रोज़ के
तमाम सुखों का क्या होगा
मेरे पास एक भूल है
सदा की अछूती और टटकी
और मनहरण
पैताने बैठा है जिसके
जीवन
सिरहाने बैठा है जिसके
मरण!