Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Pukar kar“ , “पुकार कर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पुकार कर

 Pukar kar

 

कि घर के बाहर निकलो

तुम्हारे बाहर आए बिना

एक समूची जाति एक समूची संस्कृति

हार रही है

मुझे कोई हवा पुकार रही है।

सोचता हूँ सुनने की शक्ति बची है

तो चल पड़ने की भी मिल जाएगी

अकेला भी निकल पड़ा पुकार कर

तो धरती हिल जाएगी।

 

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