Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Raste par“ , “रास्ते पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रास्ते पर

 Raste par

 

भीड़ में जलते-जलते

अकेले हो जाने पर

हम राख हो जायेंगे

और अगर

कोई साख चाहेगा

तो हम इस तरह

अपनी राख से

अपने शानदार ज़माने की

साख हो जायेंगे

 

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