Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Rirapad koi nahi hai“ , “निरापद कोई नहीं है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

निरापद कोई नहीं है

 Rirapad koi nahi hai

 

न तुम, न मैं, न वे

न वे, न मैं, न तुम

सबके पीछे बंधी है दुम आसक्ति की!

आसक्ति के आनन्द का छंद ऐसा ही है

इसकी दुम पर

पैसा है!

ना निरापद कोई नहीं है

ठीक आदमकद कोई नहीं है

न मैं, न तुम, न वे

न तुम, न मैं, न वे

कोई है कोई है कोई है

जिसकी ज़िंदगी

दूध की धोई है

ना, दूध किसी का धोबी नहीं है

हो तो भी नहीं है!

 

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