Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “ Utha lo“ , “उठा लो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उठा लो

 Utha lo

 

आत्मा का यह फूल

जो तूफ़ान के थपेड़े से

धूल में गिर गया है

उठा लो इसे

चुनना तो

वृंत पर से

हो सकता था

मगर अब वह

वृंत पर नहीं

धूल पर है

उठा लो

आत्मा का यह फूल

धूल पर से

धूल को

वृंत की तरह

दुख भी नहीं होगा

और चुने जाने का दर्द

नहीं होगा फूल को

उठा लो

आत्मा का यह फूल

जो तूफ़ान के थपेड़े से

धूल में गिर गया है!

 

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