Hindi Poem of Bhushan “Saban ke upar hi thadho rahibe ke jago, “सबन के ऊपर ही ठाढ़ो रहिबे के जोग ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

सबन के ऊपर ही ठाढ़ो रहिबे के जोग

Saban ke upar hi thadho rahibe ke jago

सबन के ऊपर ही ठाढ़ो रहिबे के जोग,

ताहि खरो कियो जाय जारन के नियरे .

जानि गैर मिसिल गुसीले गुसा धारि उर,

कीन्हों न सलाम, न बचन बोलर सियरे.

भूषण भनत महाबीर बलकन लाग्यौ,

सारी पात साही के उड़ाय गए जियरे .

तमक तें लाल मुख सिवा को निरखि भयो,

स्याम मुख नौरंग, सिपाह मुख पियरे.

 

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