Hindi Poem of Bhushan “Saji Cturang sena ang me umang dhar, “साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धार” Complete Poem for Class 10 and Class 12

साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धार

Saji Cturang sena ang me umang dhar

साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धरि

सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है

भूषण भनत नाद बिहद नगारन के

नदी-नद  मद  गैबरन  के  रलत है

ऐल-फैल खैल-भैल खलक में गैल गैल

गजन की ठैल –पैल सैल उसलत है

तारा सो तरनि धूरि-धारा में लगत जिमि

थारा पर पारा पारावार यों हलत है

 

 

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