Hindi Poem of Bhushan “Tere hi bhujan par bhutal ko bhar, “तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार – भूषण

Tere hi bhujan par bhutal ko bhar – Bhushan

 

तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार ,
कहिबे को सेसनाग दिननाग हिमाचल है .

तरो अवतार जम पोसन करन हार,
कछु करतार को न तो मधि अम्ल है .

सहित में सरजा समत्थ सिवराज कवि,
भूषण कहत जीवो तेरोई सफल है .

तेरो करबाल करै म्लेच्छन को काल बिनु ,
काज होत काल बदनाम धरातल है.

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