Hindi Poem of Bihari Lal Chaube “Janat nahi lagi mein , “जानत नहिं लगि मैं ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जानत नहिं लगि मैं -बिहारी लाल

Janat nahi lagi mein – Bihari Lal Chaube

 

जानत नहिं लगि मैं मानिहौं बिलगि कहै।
तुम तौ बधात ही तै वहै नाँध नाध्यौ है॥

लीजिये न छेहु निरगुन सौं न होइ नेहु।
परबस देहु गेहु ये ही सुख साँध्यौ है॥

गोकुल के लोग पैं गुपाल न बिसार्यौ जाइ।
रावरे कहे तौ क्यौं हूँ जोगो काँध काँध्यौ है॥

कीजिए न रारि ऊधौ देखिये विचारि काहु।
हीरा छोड़ि डारि कै कसीरा गाँठि बाँध्यौ है॥

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.