Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Aarda”,”आर्द्रा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आर्द्रा

 Aarda

घर की मकड़ी कोने दुबकी

वर्षा होगी क्या?

बाईं आँख दिशा की फड़की

वर्षा होगी क्या?

सुन्नर बाभिन बंजर जोते

इन्नर राजा हो!

आँगन-आँगन छौना लोटे

इन्नर राजा हो!

कितनी बार भगत गुहराए

देवी का चौरा

भरी जवानी जरई सूखे

इन्नर राजा हो!

आगे नहीं खिसकता सूरज के

रथ का पहिया

भुइंलोटन पुरवैया चहकी

वर्षा होगी क्या?

छाती फटी कुआँ-पोखर की

धरती पड़ी दरार

एक पपीहा तीतरपाखी

घन को रहा पुकार

चील उड़ें डैने फैलाए

जलते अम्बर में

सहमे-सहमे बाग-बगीचे

सहमे-से घर-द्वार

लाज तुम्ही रखना पियरी की

हे गंगा मैया

रेत नहा गौरैया चहकी

वर्षा होगी क्या?

 

 

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