Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Brahman Devta”,”ब्राह्मन देवता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ब्राह्मन देवता

 Brahman Devta

कूसक औँठी,

कूसक आसन

जागक उसरल

माटिक बासन

चुटकी भरि सिदहा क

चाउर सँ

पालै छी पलिबार

बघुआबै अछि तैयो

हमरे पर बिढ़नी-संसार।

दुपहरिया धरि पाठ करै छी

जैजमानक सभ ग्रह कटैत छी

गूड़क मारि धोकरिए जानय

बिना फलक आसें खटैत छी

नटुआ जकाँ नचा कें मारय

राति इजोरिया डिबिया बारय

ग्रह-ग्रहीत सन गत्र-गत्र अछि

किछु पर नहि अधिकार।

बघुआबै अछि तैयो

हमरे पर बिढ़नी- संसार।

जेठक परती जकाँ तबै छी

हरियर करची जकाँ लबै छी

भोरे भोर पराती लाथें

‘कखन हरब दुख मोर’ गबै छी

गाछी भागल, पोखरि भागल

दस धूरक बरमोतर भागल

सभ किछु उपटि गेल अछि तैयो

धैने छी चिनबार।

बघुआबै अछि तैयो

हमरे पर बिढ़नी संसार।

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