Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Charte badal”,”चरते बादल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चरते बादल

 Charte badal

भरे हुए को भरते बादल

सोचो, यह क्या करते बादल ।

उनके खेत बरसते केवल

उनसे भी क्या डरते बादल ।

किस नदिया के आमन्त्रण पर

बनते और सँवरते बादल ।

हाँक रही है हवा पहाड़ी

बुग्यालों में चरते बादल ।

मोती चुग कर सिंधु-दुर्ग से

पंख पसार उतरते बादल ।

वृन्दावन की बात और है

वैसे, नहीं ठहरते बादल ।

देखो कभी गौर से नभ में

बाने कितने धरते बादल ।

 

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