Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Deep jaka ek naam”,”दीप जकाँ एक नाम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दीप जकाँ एक नाम

 Deep jaka ek naam

दिन भरि गाछक छाँह जकाँ

क्यो संग चलय अभिराम

साँझ परैत बरैए मन मे

दीप जकाँ एक नाम ।

बरिसत कहियो वन-पाँतर

चेतन मेघ क जलधार

एक चिरायु तृषा सँ जीवित

ई जलहीन इनार

स्नेह क स्वाति-विंदु ले’ भटकल

चातक चारू धाम।

राति-विराति पाँखि तोरै अछि

मौन क सोनचिरै

भोरे सिङरहार तर अगबे

दूभि-अछत झहरै

फूल क वाण अनिल संधानय

मारय ठाम-कुठाम।

पुरना काँपी मे गीत क सङ

देखि मयूर क पाँखि

शापित यक्ष क कथा सुमिरि

भरि आयल दूनू आँखि

आर कते दिन शीतलहरि चलतै

ई जानथि राम।

 

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