Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Kohbar”,”कोहबर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कोहबर

 Kohbar

पुरइन दह सन सीतल कोहबर

चानन लागल केबार हे!

ताहि पैसि सुतलाह दुलहा रघुबर दुलहा

संग सुतलि सुकुमारि हे!

नव रंग पटिया, नवहि रंग निनिया

चारू दिसि फूल छिरिआइ हे

पातरि सुहबे सुतहु नहि जानइ

सेज तजि भुइयाँ लेटाइ हे

अलप वयस धनि मुहो न उघारइ

थर-थर काँपइ देह हे

गेरू लिखल माछ सन दूनू आँखि भेल

घामहि भिजल सिनेह हे

पहिलहि राति भेल अगम अथाह सन

तैयो न सपना समाइ हे

अउँठी उतारि पिया धनि पहिराओल

लेलनि अंक लगाइ हे!

नहु-नहु बिहँसैत सुरुज उदित भेला

पुरुब क मुह रतनार हे

कदम क गाछ सूगा उड़ि-उड़ि तेजल

उठु-उठु भेल भिनसार हे!

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.