Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Pandavani”,”पण्डवानी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पण्डवानी

 Pandavani

एक था राजा, एक थी रानी

मेरी तेरी है पण्डवानी ।

राजा राजजात का भेड़ा

रानी थी बेताल पचीसी

राजा की दाढ़ी में तिनका

रानी ख़तरनाक मकड़ी-सी

ऐसे में मत कर नादानी

बाँध के रखियो बोली-बानी ।

राजा था ग़ुलाम रानी का

रानी थी उस्ताद तिरंगी

नाक रगड़वाती थी सबसे

सोचो बस तलवार थी नंगी

परजा बस मूरख अज्ञानी

माँगे उससे दाना-पानी ।

किन्तु आग जंगल की फैली

जिसमें राख हुआ नौमहला

पिघल गया वह भी लपटों में

राजा निरा मोम का पुतला

बंसी बजा न पाया नीरो

रुतबा गया, गयी परधानी ।

आया एक सिंह गिरिवन से

भौंक उठे कुत्ते गलियों में

राजा घुसा सियारों के घर

रानी शामिल छिपकलियों में

लगी सुबकने नकली रानी

जैसे रोए कुतिया कानी ।

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