Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Vipada ka Shrap”,”विपटा क स्राप” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विपटा क स्राप

 Vipada ka Shrap

सपटा सँ भेटल वरदान

विपटा केर स्राप भ’ गेलै

की करतै यज्ञक संकल्प

उनटा जँ जाप भ’ गेलै ।

पाबनि-पाबनि बाँटल लोक

बन्हकी लागल मुरेठ भेल

आखर- आखर कीलित देश

कठरा छूटल सिलेठ भेल

सदिखन जागल आँखिक लेल

सपना संताप भ’ गेलै ।

तोरि गेलै खेतक सभ आरि

गाम- गाम आबिकें दहार

कत’ गेलै ‘बहिंगा सन मोछ’

कत’ गेलै ‘बज्जर केवार’

बौनवीर सभ लगैछ आइ

राजनीति नाप भ’ गेलै ।

टोल-टोल अछि मसान घाट

जरइछ बारहमासा गीत

नगरक फुटपाथ पर बिकाइ

आँचर केर खूँट बन्हल प्रीत

हुनका ले’ सभटा आदर्श

रमनामी छाप भ’ गेलै ।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.